दिल्ली की सड़कों,फुटपाथों,और सकरी गलियों में रहनेवाला एक कॉमन मैन हूँ कला की कोई भी विधिवत शिक्षा नहीं मिल पायी पर कला से बचपन से नाता रहा पारिवारिक दशा के चलते कोमेर्स से ग्रैजुअशन की
और ९-१० साल विधिवत बाबूगिरी की जो मुझे कभी पसंद न आई फिर एकाएक कला को व्यवसाय बनाने की धुन जाग गयी और तब से आज तक इसी की रोटी खा रहा हूँ ये तो नहीं कह सकता कि जो चाहा वो
मिल गया फिर भी एहसानमंद हूँ अपने मित्रों का जिन्हों ने मुझे हमेशा ये एहसास दिया कि मैं कुछ कर सकता हूँ और आभारी हूँ अपने परिवार का जो आज तक मेरे संघर्ष में मेरे साथ रहा
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ReplyDeleteAnushka Sharma Loved it alot.